ब्रेकिंग न्यूज़:कुसमुंडा में फिर उजागर हुआ कोयला चोरी का खेल — ओवरलोड ट्रक पुलिस की गिरफ्त में, ड्राइवर फरार

कोरबा: जिले के कुसमुंडा स्थित एसईसीएल कोयला खदान से कोयला चोरी का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में 4 ट्रेलरों से 84 टन कोयला चोरी का मामला सुर्खियों में था, वहीं अब पुलिस ने एक और ओवरलोड ट्रक को पकड़ा है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सीजी 10 बीएम 9236 नंबर का यह ट्रेलर ओवरलोड कोयले से भरा हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि यह ट्रक भी कोयला चोरी के ही इरादे से खदान से निकाला गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ट्रक बिलासपुर जिले का है, जो पूर्व में डीजल चोरी के मामलों से भी जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन ट्रक का चालक मौके से फरार हो गया। फिलहाल वाहन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है।सवालों के घेरे में कुसमुंडा प्रबंधन लगातार हो रही घटनाओं ने कुसमुंडा खदान प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—

1. क्या कोयला चोरी का यह खेल किसी बड़े संरक्षण में चल रहा है?

2. क्या खदान में लंबे समय से इस तरह की चोरी होती आ रही है?

3. क्या इसमें एसईसीएल प्रबंधन, सिक्योरिटी और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की मिलीभगत की संभावना है?

4. क्या खदान की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नाकाम हो चुकी है?

5. क्या कोयला चोरी का यह नेटवर्क स्थानीय स्तर पर सीमित है या किसी बड़े गिरोह से जुड़ा है?

6. क्या खदान प्रबंधन ने पहले भी ऐसे मामलों को दबाने की कोशिश की है?

7. क्या कोयला चोरी के इस खेल में परिवहन कंपनियों की भूमिका संदिग्ध है?

8. क्या खदान क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल केवल औपचारिकता निभा रहे हैं?

9. क्या चोरी का यह कोयला अवैध बाजार में बेचा जा रहा है और इसमें बड़े कारोबारी शामिल हैं?

10. क्या खदान प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों के बीच मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी चोरी संभव है?

11. क्या इससे जुड़े और ट्रक पहले ही बिना पकड़े बाहर निकल चुके हैं?

12. क्या डीजल चोरी और कोयला चोरी, दोनों मामलों के तार एक ही गिरोह से जुड़े हैं?

लगातार हो रही कोयला चोरी की घटनाएं इस ओर इशारा कर रही हैं कि कुसमुंडा खदान में बड़े स्तर पर चोरी का संगठित खेल खेला जा रहा है।

जांच में जुटी पुलिस

कुसमुंडा पुलिस ने ट्रक को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि इस चोरी के तार कहां तक जुड़ते हैं और इसके पीछे कौन-कौन से चेहरे सामने आते हैं।