छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपा खजाना! अब मिला कीमती खनिज का विशाल भंडार

रायपुर। खनिज संपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है। राज्य के घने जंगलों में वैज्ञानिकों ने कीमती खनिजों के विशाल भंडार का पता लगाया है। यह खोज न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाली है, बल्कि देश की खनन क्षमता को भी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

खनिज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह खोज उत्तर और बस्तर संभाग के घने जंगलों में की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां लौह, मैंगनीज, बॉक्साइट और सिलिका सेंड जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े भंडार मौजूद हैं। इनमें से कई खनिज उद्योगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

सर्वेक्षण और परीक्षण में हुई पुष्टि

भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग की टीम ने हाल में विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया। इस दौरान मिट्टी और चट्टानों के नमूने लिए गए। रासायनिक और खनिज परीक्षण में इन खनिजों की स्पष्ट उपस्थिति की पुष्टि हुई है। अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती अनुमान बताते हैं कि यह भंडार कई सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और बड़े पैमाने पर खनन की संभावना है।

पहले से ही खनिज संपदा का गढ़

छत्तीसगढ़ पहले से ही देश के खनिज उत्पादन में अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। यहां से लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट और अन्य खनिजों का निर्यात देश और विदेशों में किया जाता है। बस्तर, कोरबा और रायगढ़ जैसे जिले पहले से ही खनन के बड़े केंद्र रहे हैं। अब इस नई खोज ने राज्य की खनन गतिविधियों को और व्यापक बनाने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

आर्थिक विकास में बड़ा योगदान

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस भंडार का खनन शुरू किया गया, तो यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देगा। खनन क्षेत्र में निवेश के नए अवसर खुलेंगे और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, उद्योगों के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति में भी बढ़ोतरी होगी।

सरकार की योजना और अगला कदम

राज्य सरकार ने इस खोज को लेकर विशेष बैठक बुलाई है। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में विस्तृत सर्वेक्षण और खनन नीति पर काम शुरू होगा। सरकार इस क्षेत्र को खनन और औद्योगिक विकास के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर भी विचार कर रही है।