कोरबा, छत्तीसगढ़। कोरबा जिला जेल से चार बंदियों के फरार होने की घटना ने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जेल विभाग ने सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इससे पहले तीन जेल पहरियों को भी निलंबित किया गया था।
कैसे हुआ जेल ब्रेक?
मिली जानकारी के अनुसार, चारों बंदी देर रात जेल की 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हुए। इस दौरान जेल की सुरक्षा व्यवस्था नाकाम साबित हुई। घटना के बाद से ही जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस की कार्रवाई तेज
जेल ब्रेक के तुरंत बाद कोरबा पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जिले के प्रमुख मार्गों और चेकपोस्ट पर नाकाबंदी कर दी गई है। साथ ही आसपास के जिलों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि फरार बंदियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं और हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
10 हजार का इनाम घोषित
एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने फरार बंदियों की गिरफ्तारी में मददगार जानकारी देने वालों के लिए 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि बंदियों के बारे में कोई भी सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
जिम्मेदारों पर गिरी गाज
इस घटना के बाद सहायक जेल अधीक्षक विजयानंद सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले तीन जेल पहरियों को भी निलंबन का सामना करना पड़ा। विभागीय जांच जारी है और अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने कोरबा जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जिस तरह बंदी फरार हुए, उससे साफ है कि निगरानी और सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है। अब प्रशासन जेल सुरक्षा की समीक्षा कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।