विश्व आदिवासी दिवस पर छत्तीसगढ़ में नहीं हुआ कोई सरकारी आयोजन, भूपेश बघेल ने साधा निशाना

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में इस बार किसी भी तरह का बड़ा सरकारी आयोजन नहीं किया गया, जिसे लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर तीखा हमला बोला है। बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं आदिवासी समाज से होने के बावजूद इस दिवस को मनाने के लिए कोई पहल नहीं कर पाए, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासी हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, “आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है, उनकी परंपराओं और अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है।” बघेल ने दावा किया कि प्रदेश में बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है और आदिवासी युवा रोजगार के अवसरों से वंचित हैं।पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ‘कठपुतली मुख्यमंत्री’ करार देते हुए आरोप लगाया कि वे केवल केंद्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं और प्रदेश के लोगों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बघेल ने कहा कि आदिवासी दिवस न मनाना यह दर्शाता है कि सरकार की प्राथमिकताओं में आदिवासी समाज का स्थान गौण है।गौरतलब है कि विश्व आदिवासी दिवस हर वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों की संस्कृति, परंपरा, अधिकार और योगदान को सम्मान देना है। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों के माध्यम से आदिवासी गौरव और अधिकारों को बढ़ावा दिया जाता है। लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ में सरकारी स्तर पर आयोजन न होने से विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।भूपेश बघेल ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द आदिवासी हितों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे।