उत्तराखंड के धराली में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से हालात नाजुक, राहत कार्य जारी

उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में हुए भीषण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के चलते हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों की टीमें मिलकर तेजी से कार्य कर रही हैं।राहत कार्य में खोजी कुत्तों और ड्रोन तकनीक की सहायता ली जा रही है ताकि मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा सके। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 14 राजस्थान राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हर्षवर्धन के नेतृत्व में करीब 150 सैनिक राहत अभियान में लगे हैं।आईटीबीपी के जनसंपर्क अधिकारी कमलेश कुमार कमल ने बताया कि अब तक 100 से अधिक लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें से कई को तुरंत प्राथमिक इलाज उपलब्ध कराया गया है।कमलेश कुमार ने यह भी बताया कि धराली में पहले से मौजूद पांच आईटीबीपी टीमों के अतिरिक्त 100 जवान और राहत कार्य में तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जवान हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी जीवन मलबे में न छूटे। मलबा हटाने का कार्य बेहद सावधानी से किया जा रहा है क्योंकि हर इंच के नीचे एक संभावित जीवन हो सकता है।अब तक आईटीबीपी ने 56 लोगों को कल और आज 40 से अधिक लोगों को बचाया है, जबकि एक शव भी बरामद हुआ है। राहत कार्य में जेसीबी समेत अन्य आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। मलबे की मोटाई 7 से 8 फुट तक पहुंचने से बचाव अभियान और भी मुश्किल हो गया है।लगातार बारिश और टूटी सड़कों के कारण राहत सामग्री और संसाधनों को मौके पर पहुंचाने में भी कठिनाइयाँ आ रही हैं। हालांकि बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी संयुक्त रूप से राहत कार्य में लगी हैं।कमलेश कुमार ने बताया कि गंभीर रूप से घायलों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं का समन्वय भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमें यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अभी कितने लोग मलबे में दबे हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हर संभव जान बचाई जा सके।”