कोरबा समाचार – विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day) के अवसर पर कोरबा वनमंडल और नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से एक विशेष जागरूकता और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में हाथियों के संरक्षण, उनके प्राकृतिक व्यवहार और मानव-हाथी सहअस्तित्व की समझ विकसित करना था।
ड्रोन तकनीक से जंगल में हाथियों की निगरानी
कार्यक्रम में कोरबा के प्रमुख विद्यालयों – ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, डीडीएम पब्लिक स्कूल, जैन पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर्स पब्लिक स्कूल और न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल के छात्रों के साथ कुदमुरा एवं पसारखेत रेंज का फील्ड टूर कराया गया।ड्रोन तकनीक की मदद से विद्यार्थियों को जंगल में विचरण कर रहे हाथियों के व्यवहार का सीधा अवलोकन कराया गया। बच्चों ने जाना कि हाथी क्या खाते हैं, दिन में कितना विश्राम करते हैं, कैसे चलते हैं और झुंड में किस प्रकार रहते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों से संवाद
फील्ड विज़िट के दौरान बच्चों ने हाथी-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत कर जाना कि किस तरह वर्षों से मानव और हाथी एक ही क्षेत्र में साथ रहते आ रहे हैं। इस संवाद से बच्चों को मानव-हाथी संघर्ष के कारणों और समाधान की प्रत्यक्ष जानकारी मिली।
विशेषज्ञों के विचार
डीएफओ कुमार निशांत ने कहा – “हाथी हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर हैं, इनके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।”WWF के राज्य समन्वयक उपेंद्र दुबे ने बच्चों को प्रेरित किया कि वे सीखी गई बातें अपने परिवार और समुदाय में साझा करें।
शैक्षिक प्रस्तुति और सम्मान
मदनपुर स्कूल में स्मार्ट टीवी पर हाथियों से जुड़े तथ्य PPT के माध्यम से समझाए गए। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए और सामूहिक फोटो सेशन हुआ।इस अवसर पर उप वनमंडलाधिकारी आशीष खेलवार, सूर्यकांत दुबे, पासरखेत रेंजर देवदत खांडे, नोवा नेचर अध्यक्ष एम सूरज, मयंक बक्शी, भूपेंद्र जगत, जितेंद्र सारथी, बबलू मरवा समेत वन विभाग के कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।


