रायपुर/रांची:छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य भारत के कई हिस्सों में बारिश के मौसम में एक खास कीड़ा देखने को मिलता है, जिसे ग्रामीण इलाकों में “6 बुंदिया” या “छेबूंदा” कहा जाता है। इसके शरीर पर मौजूद 6 बिंदुनुमा सफेद धब्बों के कारण इसका यह नाम पड़ा है। वैज्ञानिक भाषा में इसे Six Spotted Beetle या Anthia sexguttata कहा जाता है।
रंग-रूप और पहचान
6 बुंदिया कीड़े का रंग गहरा काला या भूरा होता है और इसका शरीर चमकदार दिखाई देता है। वयस्क कीड़े की लंबाई लगभग 4 सेंटीमीटर (1.5 इंच) होती है। इसके शरीर या पंखों पर छह स्पष्ट सफेद बिंदु होते हैं, जो इसे अन्य कीड़ों से अलग पहचान देते हैं। इसके लार्वा चपटे आकार के होते हैं और सिर पर बड़ा कैप्सूल जैसा उभार होता है।
कहां पाया जाता है?
“जर्नल ऑफ एप्लाइड एंटोमोस्टेसिस” के अनुसार, यह प्रजाति दक्षिण एशिया के शुष्क और नमी वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। यह कीड़ा प्राकृतिक वनों झाड़ीदार इलाकों कृषि भूमि शहरी पार्कों और घरों के आसपास में आसानी से देखा जा सकता है।बारिश के मौसम, खेतों में काम करते समय या घरों की दीवारों और छतों पर इसकी मौजूदगी आम है। पंख होने के कारण यह उड़ भी सकता है।
क्या यह खतरनाक है?
गांवों में एक धारणा है कि 6 बुंदिया कीड़े के काटने से मौत हो सकती है। हालांकि, अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। यह कीड़ा खतरा महसूस करने पर फॉर्मिक एसिड की बारीक धार छोड़ता है, जिससे जलन या हल्की एलर्जी हो सकती है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। इसी कारण इसे “Eye Squirter” भी कहा जाता है।